HAUNTED BHOOT BANGLA
ये कहानी 1925 में हुई एक सच्ची घटना पर आधारित है। एक सुबह एंड्रिया नाम की एक औरत को खबर मिली कि उसके पिता के घर से गोली चलने की आवाज़ आई है एंड्रिया और उसके पति जॉर्ज को ये खबर सुनके। विश्वास ही नहीं हो रहा था। खबर मिलते ही वो दोनों उसके पिता के घर के लिए निकल गए। उसके पिता एक बहुत बड़े गवर्नमेंट मैंशन में रहते थे, वो मैंशन दूसरे शहर में था तो वहाँ जाते जाते। उन्हें शाम हो गई थी। जब वो वापस पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उस मैंशन के बाहर। पुलिस इकट्ठा है और कोई उस घर के अंदर नहीं जा रहा था। पुलिस एंड्रिया और उसके पति जॉर्ज को भी अंदर नहीं जाने दे रही थी। पुलिस के मुताबिक उस घर में एक भूत था जो सालों बाद आजाद हो गया था। जब एंड्रिया ने पूरी बात पूछी क्नॉइस तो उसे पता लगा कि कई साल पहले एयठीन 65 में उस घर में 118 साल का लड़का रहता था। वो एक लड़की से बहुत प्यार करता था लेकिन उस लड़की ने उसके प्यार को ठुकरा दिया, जिसकी वजह से उसने खुद को गोली मारकर अपनी जान दे दी। क्नॉइस
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तब से उसका भूत उसी मैनशन में भटकने लगा। उसके बाद उस घर में रहने वाले सभी लोगों की अजीबो गरीब मौतें होने लगी। बहुत मुश्किल से उस लड़की की आत्मा को एक प्रीस्ट की मदद से एक कमरे में बंद कर दिया गया और उस कमरे को हमेशा के लिए लॉक कर दिया गया। क्नॉइस। लेकिन एंड्रिया के पिता जिन्होंने हाल ही में उस को खरीदा था, इन सब में नहीं मानते थे और उन्होंने उस घर को रेनोवेट कराने के चक्कर में उस कमरे का लॉक तुड़वाकर उसे खुलवा दिया और उस लड़के की भयानक आत्मा को आजाद कर दिया। क्नॉइस। पुलिस कहने लगी कि उस लड़की की आत्मा ने ही शायद एंड्रिया के पिता को मार दिया था और अब अगर कोई भी उस घर के अंदर जाएगा तो उस लड़के की आत्मा उसको भी मार डालेगी। पुलिस की ऐसी अंधविश्वासी बात को सुनते ही एंड्रिया और जॉर्ज दोनों ही बहुत गुस्से में आ गए और उन्होंने क्नॉइस।
खुद अंदर जाने का फैसला किया। वो घर के अंदर गए पर अपने पिता के कमरे में पहुंचते ही एंड्रिया फूट फूटकर रोने लगी क्योंकि उसने वहाँ जमीन पर अपने पिता की लाश पड़ी देखी जिनके सर पर एक गोली का निशान था। एंड्रिया ने जब आसपास देखा। तो उसे जॉर्ज कहीं नहीं दिखा। वो जॉर्ज को वहाँ न पाकर और ज्यादा घबरा गई। वो अपने पति जॉर्ज को चिल्लाकर बुलवाने लगी और उसको कोई जवाब नहीं मिला। उस समय एंड्रिया को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करें और वो डरी हुई वहीं खड़ी। अपने पति को बुलाई जा रही थी कि तभी उसे एक अनजान इंसान की रोने की आवाज आई और फिर उसे अपने पति के रोने की आवाज आई। एंड्रिया भाग कर अपने पति के आवाज के पीछे जा ही रही थी जब उसे फिर से गोली चलने की आवाज आई।
एंड्रिया भागकर उस कमरे में पहुंची पर वहाँ पहुँचकर उसके होश उड़ गए। वहाँ पर उसे जोश की लाश मिली, जिसके सर पर भी गोली के निशान थे और उसकी लाश के पास वही बंदूक पड़ी थी जो कुछ देर पहले क्नॉइस। उसके पिता के कमरे में उनकी लाश के पास पाई गई थी। तभी एंड्रिया को ऐसा लगा जैसे उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा। एंड्रिया को कोई पीछे से जकड़ने लगा। जब उसने गर्दन मोड़कर देखने की कोशिश की तो वहाँ उसे 118 साल का लड़का दिखा क्नॉइस जिसके सर पर ठीक उसके पिता और पति की तरह एक गोली का निशान था, लेकिन एंड्रिया के उसे देखते ही वो लड़का एंड्रिया की आँखों के सामने हवा में कहीं गायब हो गया। इतना सब होने के बाद भी किसी तरह हिम्मत करके एंड्रिया एक एक करके।
अपने पति और पिता की लाश को घर से बाहर लेकर आई पर उस दिन के बाद से वो एकदम बदल गई और वो एकदम शांत हो गई। यहाँ तक कि अपने पिता और जॉर्ज के फ्यूनरल के दिन भी उसने ना ही जॉर्ज के पेरेंट्स की किसी बात का कोई जवाब दिया और ना ही अपने भाई का। वो सदमे में जा चुकी थी। सब उसके लिए बहुत परेशान थे, पर किसी को भी नहीं पता था कि एंड्रिया खुद कितनी घबराई हुई थी, क्योंकि उसके पिता और पति की मौत के बाद से उसे हर जगह उसी 18 साल के लड़के की आत्मा दिखाई दे रही थी। क्नॉइस। वो किसी भी वक्त एंड्रिया के शरीर को जकड़ लेता था और उसके कान में एक ही चीज़ कहता रहता था कि वो उससे बहुत ज्यादा प्यार करने लगा है और अगर वो भी उसका प्यार ठुकरा देगी तो वो उसे भी मार डालेगा।
एंड्रिया जहाँ जहाँ जाती उसे वही लड़का दिखाई देता जो से हर बार झगड़ लेता और एंड्रिया का शरीर बुरी तरह से जख्मी कर देता। डरी हुई और परेशान एंड्रिया साइकेट्रिस्ट के पास भी गई और उसका भी कोई असर नहीं हुआ। एंड्रिया के शरीर पर रोज़ नील पड़े जा रहे थे। धीरे धीरे उसकी दिमागी हालत बद से बदतर होती जा रही थी। फिर 1 दिन उस मैनशन के पास रहने वाले लोगों ने एक बहुत ही अजीबो गरीब और एक डरावनी चीज़ देखी। उन्होंने देखा कि एक बहुत ही कमजोर दिखने वाली एंड्रिया भागती हुई आई और उस मैनशन का ताला तोड़कर। उसके अंदर घुस गई और उससे पहले की कोई कुछ समझ पाता। उन्हें उस मैंशन के अंदर से गोली चलने की आवाज आई। जब कई देर तक कोई भी अंदर नहीं गया तो ये खबर शहर के मेयर तक पहुंची तो उसने वहाँ के पुलिस ऑफिसर्स को।
एक प्रीस्ट के साथ अंदर जाने का ऑर्डर दिया। डरते हुए जब पुलिस के दो इंस्पेक्टर घर के अंदर घुसे तो उन्हें वहाँ पर एंड्रिया की लाश जमीन पर पड़ी हुई मिली थी। उसके सर पर भी गोली का निशान था और बगल में एक बंदूक पड़ी थी। जिसे देख कर उन्हें यकीन हो गया कि ये सब उसी 18 साल के लड़के की आत्मा का किया धरा है। इस इंसिडेंट के बाद उस मैनशन का किया गया और फिर उस मैनशन को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया।
**निष्कर्ष (Conclusion):**
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि **मानसिक स्वास्थ्य** की उपेक्षा और **अंधविश्वास** किसी व्यक्ति की ज़िंदगी को नष्ट कर सकते हैं। एंड्रिया की मानसिक स्थिति, उसके दर्द और भ्रम ने उसे आत्महत्या तक पहुँचाया। अगर उसे सही समय पर **मनोचिकित्सकीय मदद** और **सामाजिक समर्थन** मिल पाता, तो शायद वह इस दर्द से उबर सकती थी।
कहानी में **भूतिया घटनाओं** का जिक्र भले ही किया गया हो, लेकिन असल में यह **मनोवैज्ञानिक समस्याओं** का ही परिणाम था। यह हमें यह भी बताती है कि **अंधविश्वास** और **डर** के बजाय **वैज्ञानिक दृष्टिकोण** और **समझदारी** से किसी भी समस्या का समाधान करना चाहिए।
**सारांश**: मानसिक और भावनात्मक दर्द को नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है, और हर व्यक्ति को अपनी मानसिक स्थिति के लिए **सहायता** प्राप्त करने का अधिकार होता है|