Haunted Hospital JNIMS
हॉंटेड हॉस्पिटल जे एन आई एमएस जवाहरलाल नेहरू इन्स्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल, मणिपुर में सिचूएटेड है। बहुत सालों से ये हॉस्पिटल एसेंशियल मेडिकल सर्विसेज पब्लिक को प्रोवाइड करता आया है। पर इस हॉस्पिटल के बारे में बहुत सी अफवाहें है जो अब धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही है और इन अफवाहों की माने तो ये जगह वांटेड है। कहा जाता है कि यहाँ गयनेकोलॉजी डिपार्टमेंट और उसके पास वाले वाशरूम्स और कॉरिडोर रात के समय में क्नॉइस।
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सेफ नहीं है। ऐसे ही एक रात को नर्स अनंत था जिसने जे एन आई एमएस हॉस्पिटल हाल ही में जॉइन करा था। रात को गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक पेशेंट को अटेंड कर रही थी की तभी अचानक से उसे कॉरिडोर में किसी के रोने की आवाज आई। उसने सोचा कि इतनी रात को कौन रो रहा है तो वो कॉरिडोर में जाकर चेक करने लगी। उसे कॉरिडोर में भी रोने की आवाज तो आ रही थी लेकिन उसे कोई दिख नहीं रहा था। उसे ये सब बहुत अजीब लगा तो वो कॉरिडोर में इस आवाज की ओर बढ़ने लगी।
वो कॉरिडोर के एंड तक पहुँच गई लेकिन पूरे कॉरिडोर में किसी इंसान का कोई नामो निशान नहीं था। अनंता घबराने लगी थी क्योंकि आवाज़ और तेज़ होती जा रही थी और वहाँ कोई भी नहीं था। अनंता डर से वापस पेशेंट रूम में जाने लगी। और जैसे ही वो वापस जाने के लिए मुड़ी उसको अपने पीछे किसी के होने का एहसास हुआ। उसे लगा जैसे उसके पीछे कोई खड़ा है। लेकिन इससे पहले अनंता कुछ कर पाती अचानक से उस कॉरिडोर की लाइट्स ब्लिकर होने लगी।
और उसके अगले ही सेकंड वो फ्लिकर होना बंद हो गई। अनंता को एहसास होने लगा। कुछ तो जरूर कुछ अननेचुरल हो रहा है। रोने की आवाज बढ़ती गई और जैसे ही अनंता ने पीछे मुड़कर देखा तो एक औरत पेशेंट के कपड़ों में वहाँ जमीन पर। दीवार की तरफ मुड़ कर बैठी हुई दीवार को रोते रोते स्क्रैच कर रही थी। वो बार बार बस यही बोल रही थी मेरे साथ गलत हुआ, गलत हुआ मेरे साथ ये देखकर अनंता एकदम सुन्न पड़ गई थी, जैसे अनंता की बॉडी ही फ्रीज़ हो गई हो। क्नॉइस अनंता को समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है और उसके सामने वो लेडी पेशेंट कौन है और ऐसे क्यों बिहेव् कर रही है। अनंता ने उस पेशेंट के करीब जाने का सोचा और तब अनंता ने देखा कि उस औरत के शरीर के नीचे का हिस्सा।
खून से लतपद था। जैसे ही वो औरत अनंता की तरफ मुड़ी अनंता के होश उड़ गए। उस औरत के हाथ में एक मरा हुआ बच्चा था और वो उस बच्चे को लेकर अनंता की तरफ ही चलते हुए आ रही थी। पूरे कॉरिडोर की लाइट्स दोबारा फ्लिकर करने लगी। वो औरत आगे बढ़ते हुए बार बार यही बोले जा रही थी मेरे साथ गलत हुआ तुम सब ने ये अच्छा नहीं किया, तुमने मुझे मार डाला अनंता बहुत डर चुकी थी क्नॉइस। और वो अपनी बॉडी को मूव भी नहीं कर पा रही थी। सामने से आ रही उस खून से लथपथ औरत की आँखों में इतना गुस्सा था कि अनंता का दिमाग चलना बिल्कुल बंद हो गया था। अनंता ने बहुत हिम्मत की और किसी तरह वो वहाँ से भागकर
उस फ्लोर के वाशरूम में जाकर छुप गई। उसने अपनी पॉकेट से फ़ोन निकाल कर किसी को मदद के लिए बुलवाने का सोचा, लेकिन जब उसने अपनी पॉकेट में हाथ डाला की उसने अपना फ़ोन तो गयनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में ही छोड़ दिया था। वो रात अनंता, काफी देर तक अकेली ही उस वाशरूम में। डर के मारे छुपी हुई थी। उसे डर था कि बाहर उसका सामना उसी भयानक औरत से हो जाएगा। तभी अचानक से बाथरूम के दरवाजे पर जोरों से खटखट हुई और फिर अचानक बंद हो गई। इस सब के बीच अनंता की नजर उस बाथरूम में लगे। एक बड़े से शीशे पर गई और उस शीशे में उसे कुछ ऐसा दिखा जिसे देखकर अनंता कांप उठी। उस मिरर की रिफ्लेक्शन में बही खून से लथपथ औरत अनंता के ठीक पीछे खड़ी थी। अनंता डर के मारे पीछे मुड़ी।
लेकिन वहाँ कोई नहीं था। अनंता को लग रहा था कि वो पागल होती जा रही है। वो बस कुछ भी करके उस वार्ड से निकलना चाहती थी। वो जानती थी कि बाकी सभी नर्सें ऊपर वाले फ्लोर पर मौजूद नर्स वार्ड में थीं पर वहाँ जाने का रास्ता। उसी कॉरिडोर से होकर गुजरता था जहाँ पर उसे पहले वो भयानक औरत की थी पर अब अनंता के पास और कोई रास्ता नहीं था। उसने डिसाइड किया कि वो सीधा दौड़ती हुई ऊपर वाले फ्लोर पर चली जाएगी और बिना कुछ सोचे अनंता ने कॉरिडोर की तरफ दौड़ लगाई। और भागते हुए उसका पैर किसी चीज़ से टकराया और वो नीचे गिर गई। जब उसने देखा कि वो किस चीज़ से टकराई तो उसका पूरा शरीर सफेद बढ़ गया। जमीन पर उसी औरत की लाश पड़ी थी जो उसे कुछ देर पहले कॉरिडोर में दिखी थी।
उस औरत की बॉडी को देखते ही अनंता को दौरे पड़ने लगे और वो बेहोश हो गई। अगले दिन उसकी आंख खुली तो वो खुद उस हॉस्पिटल में एक पेशेंट थी। उसे ड्रिप लगी थी और कई नर्सेज उसके आसपास बैठी थी। क्नॉइस। अनंता ने सभी को अपने साथ हुआ हादसा बताया पर किसी को उसके ऊपर विश्वास नहीं हुआ। सब ने उसे कहा कि वो अपनी जॉब के चलते अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखती और उसे कुछ दिनों की छुट्टी लेनी चाहिए। उसी दिन की शाम को जबानंता के रूम में कोई नहीं था। क्नॉइस। बड़ी नर्स वहाँ आई और उसने अनंता को बताया कि वो उस पर विश्वास करती है और जो औरत उसे कल रात को दिखी उसका नाम शयाना था। करीबन 20 साल पहले शयाना को अपनी प्रेगनेंसी की लास्ट वीक में एक एब्नार्मल पिन हुआ था और उसके चलते उसे हॉस्पिटल में अडमिट किया गया था। क्नॉइस
प्रेगनेंसी में कॉम्प्लिकेशन्स के चलते डॉक्टर्स ने शयाना की फैम्ली को बताया कि उनके बच्चे शयाना में वो किसी एक को ही बचा सकते हैं। फैम्ली ने बच्चे को बचाने का डिसाइड किया और इस कॉम्प्लिकेटेड ऑपरेशन में शनाया और उसके बच्चे दोनों की ही मौत हो गई। क्नॉइस। और कुछ समय बाद ही शयाना के हज़्बंड के घर में एक बहुत भयानक आग लग गई और उसका पूरा परिवार जलकर मर गया। उस दिन के बाद कई लोगों ने शयाना की आत्मा को देखा है। उसकी आत्मा इसी हॉस्पिटल के गाइनकॉलजी डिपार्टमेंट में भटकती रहती है। ये सब सुनते ही अनंता के होश उड़ गए। उसने तुरंत अपनी नौकरी छोड़ दी। यहाँ तक की उसने दूसरे हॉस्पिटल्स में नाइट शिफ्ट्स लेना भी बंद कर दिया। आपको क्या लगता है क्या जे एंड आई एमएस सच में वांटेड है? कैसी लगी आपको ये कहानी? हमें जरूर बताइए और अगर आपको एक कहानी अच्छी लगी तो हमारा चैनल सब्सक्राइब करना बिल्कुल मत भूलिएगा।
निष्कर्ष Conclusion
इस पूरी घटना के बाद अनंता की ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई। उसने महसूस किया कि हर हॉस्पिटल में सिर्फ़ दर्द और इलाज की कहानियाँ नहीं होतीं, बल्कि कुछ अनकही और अनसुलझी आत्माओं की कहानी भी दबी रह जाती है। शयाना की आत्मा आज भी उस गाइनकॉलोजी डिपार्टमेंट के अँधेरों में भटक रही है, अपने साथ हुए अन्याय का जवाब ढूँढती हुई।
अनंता ने हॉस्पिटल छोड़ने के बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, पर उसकी आँखों में आज भी उस रात के साये ज़िंदा हैं। और जे एन आई एम एस की दीवारों के पीछे, वो ठंडी हवाएँ अब भी वही पुरानी फुसफुसाहट दोहराती हैं—
“मेरे साथ गलत हुआ… तुम सबने मुझे मार डाला…
शायद सच यही है कि कुछ आत्माएँ तब तक भटकती रहती हैं, जब तक उनका दर्द कोई समझ न ले। और यही उस हॉस्पिटल की सच्चाई है—एक ऐसी सच्चाई, जो आज भी रात के अँधेरे में लोगों को सिहरने पर मजबूर कर देती है।
तो क्या जे एन आई एम एस सच में हॉन्टेड है?
ये सवाल आज भी अनुत्तरित है…