Meerut GP Block
मेरठ जीबी ब्लॉक हॉंटेड हॉउस हॉरर ये कहानी है इंडिया के सबसे मशहूर भूत बंगलों में से एक मेरठ जीबी ब्लॉक के संजय सिंह जो मेरठ से 200 किलोमीटर दूर बसे एक छोटे से गांव का रहने वाला था अपनी माँ को लेकर।
मेरठ केजी पी ब्लॉक के बाहर एक स्टाफ क्वार्टर में रहने आया था। उसका जीपी ब्लॉक की चौकीदार की तरह पहला दिन ही था जब उसके साथ ये घटना घटी। संजय नौकरी मिलने के बाद बहुत खुश था पर उसे ये नहीं मालूम था कि जीस जगह की वो चौकीदारी करने वाला था। वो इंडिया की। सबसे बोतिया जगहों में से कही जाती है। संजय की नई नौकरी लगने के कारण उसकी माँ उस रात उसकी मनपसंद खाने की चीज़ें बना रही थी। संजय जीबी ब्लॉक के एरिया के बाहर से टॉर्च मारता हुआ राउंड लेकर वापस अपने क्वार्टर में खाना खाने घर आ रहा था। तभी अपने घर से थोड़ी दूर एक नलके के पास खड़े हुए। अपनी माँ को उसने किसी को कहते हुए सुना इतनी रात को तुम्हारा ऐसे इलाके में होना ठीक नहीं है। जब उसने माँ पहुँचकर अपनी माँ से पूछा तो वो किस्से बात कर रही थी तो उन्होंने उसे बताया कि वो खाने के लिए पानी भर रही थी और तभी उन्हें क्नॉइस। आसपास की झाड़ियों से जीपी ब्लॉक की तरफ जाती हुई लाल साड़ी में एक लड़की दिखी। जब उन्होंने उस लड़की को वहाँ से जाने के लिए मना किया तो उस लड़की ने उनकी बात को अनसुना कर दिया और भाग कर जीपी ब्लॉक के अंदर चली गई। संजय और उसकी माँ दोनों को उस औरत का रात के इस समय
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झाड़ियों और जंगल से घिरे जीपी ब्लॉक के अंदर घुसना ठीक नहीं लग रहा था और इस डर से कि कहीं पहले दिन ही जीपी ब्लॉक में कुछ अनहोनी न हो जाए। संजय वापस जीपी ब्लॉक के अंदर जाकर उस औरत को ढूँढने लगा। रात के अंधेरे में जंगल और झाड़ियों से घिरे होने के कारण। संजय को बस उतना ही दिख रहा था जितना उसके टॉर्च की रौशनी दिखा पा रही थी। जीबी ब्लॉक का बंगला तीन हिस्सों में बैठा हुआ था। दिन में वहाँ जितनी शांति लग रही थी, रात के अंधेरे में बही खामोशी अब और ज्यादा भयानक लग रही थी। क्नॉइस। संजय ने सोचा कि उसे के उन तीन हिस्सों में एकएक करके जाना चाहिए। अपने हाथ में लाठी लिए और टॉर्च के सहारे संजय जब पहले हिस्से में घुसा तो उसके पूरे शरीर में उसको एक रूह चीर देने वाली ठंड महसूस हुई। ये बहुत अजीब था क्योंकि तब गर्मियों का मौसम चल रहा था।
और बिल्डिंग के अंदर इतनी तेज़ ठंड का होना बिलकुल भी नॉर्मल नहीं था। फिर भी संजय ने हर जगह टॉर्च मार कर देखा और उसे कोई लड़की दिखाई नहीं दी और उसे वहाँ ढेर सारे बालों के गुच्छे मिले। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो बालों के गुच्छे वहाँ कहाँ से आए। तभी उस बिल्डिंग के अंदर एक कोने से दो लाल आँखें उसे घूरती दिखी, लेकिन जब वो उसके पास गया तो वो अंधेरे में कहीं गायब हो गई। संजय ने पूरी बिल्डिंग छान मारी लेकिन उसे कुछ भी नहीं मिला। पर उसे हर वक्त वहाँ पर किसी की मौजूदगी महसूस हो रही थी। क्नॉइस। संजय उस लड़की को ढूँढता हुआ अब जीपी ब्लॉक के अगले हिस्से में घुस गया। दूसरी बिल्डिंग के पास जाते जाते उसे ऐसी बदबू आने लगी जैसे कोई जानवर वहाँ कई सालों से मरा पड़ा हो। फिर भी वो उस लड़की के बारे में सोचते हुए घर के उस हिस्से में घुसा पर वहाँ उसे कोई भी नहीं दिखा।
लेकिन जब वो उस घर से बाहर निकलते हुए इधर उधर टॉर्च मारते हुए रास्ता ढूंढ रहा था तो उसे उस हिस्से की टूटी हुई दीवार के छेद से दोस्तों हमारे पॉडकास्ट की नई सीरीज बिल्कुल भी मत करना, जिसमें हमने डायन की रियल लाइफ स्टोरीज़ डिस्कॅस करि है तो इस वीडियो के बाद हमारे पॉडकास्ट को देखना मत भूलना। चार लोग दिखे। उन्होंने ब्रिटिश ऑफिसर्स की यूनिफॉर्म पहेनी हुई थी और वो शराब पीते हुए गप्पे मार रहे थे। उन्हें देखते ही उसने चिल्लाकर उन्हें वहाँ से जाने को कहा पर उन चारों ने उसकी बात को जिससे बिल्कुल अनसुनासा कर दिया। संजय को मालूम था कि अक्सर ऐसे शराबी ही पुरानी जगहों पर आकर हल्ला करते हैं तो वह दूसरे हिस्से से बात कर तीसरे हिस्से के उसी फ्लोर पर चला गया जहाँ पर वह लोग बैठे थे, लेकिन वह जैसे ही वहाँ पहुंचा वहाँ पर उन चारों में से कोई नहीं था। तभी उस तीसरे हिस्से के।
ऊपर वाले फ्लोर से उन चारों लोगों की ज़ोर ज़ोर से हँसने की आवाज आई। संजय भाग कर उस बिल्डिंग के सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर गया जहाँ उसे वहीं चार लड़के हस्ते हुए मिले। उन चारों लड़कों को वहाँ देखकर संजय फिर से उन पर चिल्लाता पर वो चारों शराब पीते पीते। और ज़ोर से हसने लगे। जब संजय के कई बार कहने पर भी वो लोग वहाँ से नहीं गए तो संजय ने उनमें से एक को अपनी लाठी से मारा पर वो लाठी उस लड़के के आर पार चली गई। वो चारों लड़के संजय की तरफ मुड़े और संजय ने देखा की उन चारों के चेहरे बुरी तरह से गले हुए हैं। क्नॉइस और उन चारों की आंखें थी ही नहीं। घबराया हुआ संजय वहाँ से भागा और वो लड़के बहुत ही डरावने तरीके से हंसने लगे। संजय वहाँ से भागता हुआ दूसरी तरफ से निकला जब उसने जीपी ब्लॉक के पहले हिस्से के पास से एक लड़की को छत के ऊपर चढ़ते हुए देखा जो वहाँ रुक कर क्नॉइस
अपने बालों को कंघी करने लगे और संजय को बहुत ही भयानक तरीके से देखने लगे। उसकी आँखों में वही लाल चमक थी जो कुछ समय पहले संजय ने अंधेरे में देखी थी। संजय को वो सब देखकर कुछ समझ नहीं आया और वो अपनी जान बचाने के लिए। वहाँ से और तेजी से अपने क्वार्टर की तरफ भागा, लेकिन वो भागतेभागते अचानक रुक गया, क्योंकि उसके ठीक सामने एक और औरत खड़ी थी, जिसने लाल साड़ी पहनी हुई थी। संजय को लगा कि वही लड़की है जिसे संजय की माँ ने देखा था, लेकिन जब उसने उस लड़की को पुकारा। और जब वो लड़की मुड़ी तो संजय की रूह कांप उठी। उस औरत का चेहरा बेहद डरावना था। ऐसा लग रहा था कि जैसे वो कोई चुड़ैल हो। संजय को देखते ही उस औरत ने उसे बहुत ज़ोर से दुबका दिया जिसकी वजह से उसका सर पास पड़े पत्थर पर लगाया।
संजय को ऐसा लगा की जैसे उस औरत का हाथ नहीं बल्कि कोई जलता हुआ लोहा था। संजय दर्द में बहुत ज़ोर से चिल्लाता और उसी दर्द में कराहते हुए संजय ने देखा की वो लाल साड़ी वाली औरत हवा में उड़ती हुई जीपी ब्लॉक के अंदर जाते जाते कहीं गायब हो गयी क्नॉइस। उसकी माँ संजय की चीख सुनकर उसके पास आईं तो संजय बहुत बुरी तरह से डर से कांपता हुआ जीपी ब्लॉक की तरफ देख रहा था। तभी संजय ने अपने कान में एक औरत की आवाज सुनी जो जीपी ब्लॉक के अंदर से सिर्फ संजय को सुनाई दे रही थी और जो उसे कह रही थी क्नॉइस। मैं हमेशा यहीं रहूंगी और अगर तू और तेरी माँ यहाँ फिर से आए तो मैं तुम दोनों को जान से मार दूंगी। संजय की माँ भी घबराई हुई उसे स्टाफ क्वार्टर के अंदर ले गई, तब उसकी माँ ने देखा कि संजय की छाती पर किसी इंसान के हाथ के निशान थे।
उस दिन के बाद संजय ने वो नौकरी हमेशा के लिए छोड़ दी। बाद में उसे पता चला कि जीबी ब्लॉक में पहले ब्रिटिश आर्मी की बिल्डिंग्स थी और वहाँ पर अक्सर लोगों के साथ ऐसी ही चीजें हुई हैं। कई लोगों को वहाँ ब्रिटिश आर्मी के टाइम के ऑफिसर्स दिखे हैं और कई लोगों को। वो लाल साड़ी वाली औरत संजय समझ गया था की उस दिन वो मेरठ के भूत बंगले से बाल बाल बचा। मेरठ जीपी ब्लॉक के बारे में कई अफवाहें कई लोग उसे इंडिया का सबसे हौंटेड भूत बंगला कहते हैं तो कई कहते हैं की ये सब एक झूठ है,
**कहानी का निष्कर्ष (Conclusion):**
मेरठ के जीबी ब्लॉक की यह कहानी सिर्फ एक डरावनी घटना नहीं थी, बल्कि यह उस रहस्य और भय का प्रतीक है जो वर्षों से इस जगह से जुड़ा रहा है। संजय, जो एक साधारण नौकरी के लिए आया था, उसने वहाँ जो कुछ देखा और झेला, वो किसी आम इंसान के बस की बात नहीं थी। रात के अंधेरे में दिखी लाल साड़ी वाली औरत, बिना आंखों वाले ब्रिटिश ऑफिसर्स की आत्माएं, और बिल्डिंग में महसूस की गई भयानक ठंड—ये सब इस बात की गवाही देते हैं कि जीबी ब्लॉक सिर्फ एक खाली इमारत नहीं, बल्कि अधूरी आत्माओं का अड्डा है।
इस अनुभव के बाद संजय ने न केवल अपनी नौकरी छोड़ी, बल्कि अपनी और अपनी माँ की जान बचाने के लिए हमेशा के लिए उस जगह से दूरी बना ली।
कई लोग मानते हैं कि यह सब केवल कल्पना है, पर संजय की कहानी और वहाँ हुई असल घटनाएं इस जगह को भारत के सबसे हॉन्टेड स्थानों में से एक बनाती हैं।
**जीबी ब्लॉक की सच्चाई आज भी एक रहस्य है – पर एक बात तय है:**
**कुछ दरवाज़े ऐसे होते हैं जिन्हें खोलना नहीं चाहिए।**
अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो ऐसे और भी रहस्यमयी किस्सों के लिए हमारे अगले एपिसोड का इंतज़ार करें।