Sar kata bhoot सच्ची घटना real horror stories
मयंक एक मल्टीनेशनल कंपनी में ब्रांच मैनेजर की जॉब करता था। 1 दिन मयंक को ऑफिस से घर जाने में लेट हो गया। सर्दी का मौसम होने के कारण रात भी जल्दी हो गई थी। ठंड भी शुरू हो चुकी थी। रास्ते पे चलते चलते मयंक को अचानक एक आवाज सुनाई दी। रुक जाओ। मयंक वहीं पर ही रुक गया और पीछे मुड़ के देखा, लेकिन पीछे कोई भी नहीं था। फिर से वही आवाज सुनाई दी।
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सामने देखो जैसे ही मयंक ने सामने देखा तोहसी जमीन पर कुछ चमकती हुई चीज़ दिखाई दी। मयंक। दौड़ की उस चीज़ के पास गया और देखा तो यह कोई साधारण चीज़ नहीं थी बल्कि एक चमकता हुआ हीरा था। उसने वही हीरा। अपने हाथ में लिया। उसकी चमक देखकर मयंक की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लेकिन मयंक को कहाँ पता था? ये कोई साधारण नहीं बल्कि ये मानवीय हीरा है।
अचानक उस हीरे में से आवाज आई, अगर तुम्हें और हीरे चाहिए तो इस जमीन को खो दो इस जमीन के नीचे। बस सारे हीरे हैं। मयंक खुश हो गया। उसने उस हीरे को अपनी जेब में डाला और जमीन खोदना शुरू किया। करीब दो फिट। खोदने के बाद अचानक मैया डर के मारे चिल्लाने लगा। इसके कारण उसका संतुलन खो गया और जमीन पर गिर पड़ा। क्योंकि।
उस गड्ढे में से हेरे मूर्ति नहीं बल्कि किसी इंसान का कटा हुआ सर मिला। अचानक वह सर हवा में बोलने लगा और बोला धरो मत। मैं तुम्हें कोई हानि नहीं पहुंचाऊंगा, मैं तुम्हें और सारे हीरे जावरा भी दूंगा, बस मेरी बात ध्यान से सुनो मैं जहाँ। चाहता हूँ वहीं मेरे पीछे आओ। फिर वह सर हवा में उड़ा और जंगल की और बढ़ने लगा। करीबन एक किलोमीटर चलने के बाद वह सर।
रुक गया, मयंदी रुक गया फेरोसर ने मयंक से कहा इस जमीन के भीतर और सारे मूर्ति छवराहट छुपे हुए हैं इस जमीन पे। खोदने का काम शुरू करो, मयंकुश हो गया और उस जमीन को खोदना शुरू कर दिया। खोदते खोदते उस जमीन के नीचे। हीरे मोती तो नहीं बल्कि उस सर का कटा हुआ दड़ मिला। उस सर ने कहा, अब तुम्हे एक आखिरी काम करना होगा उसके बाद।
मैं तुम्हें मोहल्ला महल कर दूंगा, तुम्हें कहीं से भी एक लोटा खोलाना होगा। मयंक बोला एक लोटा खून पर मैं एक लोटा हूँ क्नॉइस। कहाँ से लाऊंगा? उस सर ने कहा चलो मेरे साथ वो डरावना चेहरा मयंक को साथ लेकर थोड़ी दूर ले गया। उसने इंसान को। जाते हुए देखा वह सर बोला उस इंसान को मारकर उसका खून ले आओ। मयंक डर गया और बोला नहीं, नहीं यह मुझसे।
नहीं होगा। मैं यह नहीं कर सकता। अगर तुमने यह काम नहीं किया तो मैं तुझे बहुत बड़ी मुसीबत में डाल दूंगा। फिर तुम्हारी। पूरी ज़िन्दगी नर बन जाएगी। मयंक ने हाथ जोड़कर उससे कहा मुझे माफ़ कर दो। अगर मैंने उसे मारा तो मुझे पुलिस गिरफ्तार कर लेगी और मुझे? जेल जाना पड़ेगा। तो उस सर ने अपने तंत्र मंत्र की शक्ति से एक छुरी और लोटा प्राप्त किया और गुस्से से बोला अगर तुम मेरा यह काम।
नहीं करोगे, तुम है तुम्हारे पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दूंगा। मयंक ने मजबूरी में आकर उस आदमी को मार डाला और उसका खून लेकर। उस सर के पास गया वो सर खून को देखकर बहुत खुश हुआ और बोला यह खून मेरे शरीर पे डाल दे उस सर के कहने पर मयंग ने खून को। को उसके शरीर पर डाल दिया। फिर कुछ ही देर में वह घटा हुआ सिर उस शरीर में जुड़ गया। यह सब देखकर मयंक की हालत और खराब होने लगी।
वह उस भूत को देख कर काफी डर गया। जैसे ही वह बहुत जिंदा हुआ तो वह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और डरावनी आवाज में बोला। तुमने बहुत बड़ी गलती कर दी कि तुमने मुझे फिर से चिंदा कर दिया। अब मैं सिर्फ तुम्हें ही नहीं बल्कि इस पूरे शहर को मौत के घाट। उधार दूंगा। हम डर के मारे मयंक के मुँह से आवाज नहीं निकल रही थी। वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से दौड़ा, लेकिन उस भूत ने छलांग लगाकर मयंक को
जमीन पर गिरा दिया और बोला मुझे बहुत खूब लगी है। अब मैं तुम्हारा मांस खाऊंगा। जैसे ही उस भूत ने। मांस खाने के लिए आगे बढ़ा। तुरंत ही उसका सर धड़ से अलग हो गया। मयंक समझ नहीं पाया आखिर ये चमत्कार कैसे हुआ? जब मयंक ने पीछे मुड़कर देखा तो एक। अघोरी बाबा खड़े थे अघोरी बाबा ने कहा बेटा जब तुम उस आदमी को मारकर उसका खून लेने जा रहा था तभी मैंने देख लिया था
और मैं समझ गया था कि कुछ तो बुरा होने वाला है इसलिए मैं तुम्हारे पीछे पीछे यहाँ तक चला आया और मैंने अपनी मंत्र की शक्ति से उस बूथ को।को फिर से मार दिया। अब तुम निश्चित होकर अपने घर जाओ। अब तुम पर कोई खतरा नहीं है। आज भी मयंक जब उस बात को याद करता है तो उसकी रूबी कापने लगती है।
इस कहानी से निम्नलिखित निष्कर्ष निकलते हैं:
1. **लालच बर्बादी की जड़ है** – मयंक ने हीरे पाने के लालच में बिना सोचे-समझे गलत कदम उठाए, जिससे उसकी जान तक खतरे में पड़ गई।
2. **अनजानी चीज़ों पर भरोसा नहीं करना चाहिए** – बिना सत्यता जाने किसी रहस्यमयी वस्तु या आवाज़ पर विश्वास करना खतरनाक हो सकता है।
3. **बुरे कर्म का परिणाम बुरा ही होता है** – किसी निर्दोष का खून बहाना और गलत काम करने से अंततः भय और पछतावा ही हाथ आता है।
4. **सही समय पर सही व्यक्ति का हस्तक्षेप जीवन बचा सकता है** – अघोरी बाबा के समय पर आने से मयंक की जान बची और शहर पर बड़ा संकट टल गया।
5. **डर और लालच इंसान को गलत राह पर ले जाते हैं** – भय और लालच दोनों ही इंसान को अपनी असली सोच और नैतिकता से दूर कर देते हैं।
क्या आप चाहेंगे कि मैं इस कहानी का **सीख (मोरल)** भी संक्षेप में लिख दूँ?