The Labubu Doll That Haunts My Dreams
एक ठंडी रात थी जब अमित और प्रिया अपनी पुरानी हवेली में शिफ्ट हुए थे। घर काफ़ी पुराना था, और उसके आस-पास का माहौल भी थोड़ा डरावना लग रहा था — लंबी-लंबी झाड़ियाँ, अंधेरा, और बेचैन सी हवा चल रही थी। जैसे ही दोनों ने अपने सामान को अनपैक किया, उन्हें एक पुराना लकड़ी का डिब्बा मिला। जब डिब्बा खोला, तो उसमें एक अजीब और पुरानी गुड़िया थी जिसका नाम था — **लाबूबू**।
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प्रिया का चेहरा उड़ गया।ये क्या है, अमित?” प्रिया ने कहा, “इस गुड़िया में कुछ गड़बड़ है।”अमित ने गुड़िया को उठाया और हँसते हुए बोला, “कुछ नहीं है, प्रिया। बस एक पुरानीगुड़िया ही है ।।” लेकिन प्रिया के मन को कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था । गुड़िया की आँखों में कुछ ऐसा था, जो **इस बात का सबूत दे रहा था कि वह ज़िंदा है अमित ने गुड़िया को शेल्फ पर रख दिया, पर प्रिया का मन उसे देखकर घबरा रहा था।
रात के 12:30 बजे, अमित का फ़ोन रिंग करने लगा। स्क्रीन पर एक अनजान नंबर था। जब अमित ने कॉल उठाई, तो एक भयानक आवाज़ सुनाई देने लगी —”लाबूबू… लाबूबू…”अमित का दिल थम गया, लेकिन उसने कॉल को काट दिया, यह सोचकर, “की कोई प्रैंक कर रहा होगा।”प्रिया ने वो आवाज़ सुनी**, और वह डर के मारे काफी घबरा गई थी।”प्रिय ने बोला अमित, कोई हमें डरा रहा है। ये कुछ और ही लग रहा है।”अमित ने कहा, “कुछ नहीं है, प्रिया। तुम ज़्यादा सोच रही हो।” लेकिन प्रिया को लग रहा था कि ये कोई मज़ाक नहीं है, कुछ बहुत गंभीर हो सकता है।
जैसे-जैसे रात बढ़ रही थी, घर का माहौल और भी अजीब हो रहा था। जिसे ही 1:30 AMबजे, एक चरमराहट की आवाज़ सुनाई देने लगी, जैसे किसी ने धीरे से गुड़िया को हिलाया हो।अमित ने देखा, लाबूबू गुड़िया अपनी जगह से हिल गई थी और उसका चेहरा पूरी तरह से बदल चुका था— उसकी आखे लाल हो चुकी थी प्रिया का चेहरा डर के मारे पीला पड़ गया, “अमित, ये सब क्या हो रहा है?”अमित ने गुड़िया को फिर से अपनी जगह पर रख दिया , लेकिन उसने देखा कि अब वह गुड़िया **अपनी आँखें हिला रही थी**। अमित का मन डर से पूरी तरह काँप उठा, लेकिन **उसने प्रिया को शांत करने की कोशिश की**।
रात के 2 बजेतक, दोनों को लगने लगा कि कुछ गड़बड़ हो रहा है। फिर अमित का फ़ोन फिर से बजने लगा और यह कॉल भी अनजान नंबर से थी। इस बार, जब अमित ने कॉल उठाई तो भारी और घातक आवाज़ ने कहा —लाबूबू तुम्हारे साथ है। तुम दोनों का वक़्त अब खत्म हो गया है।”अमित का चेहरा सफेद पड़ गया, ” और बोला प्रिया, इस सच में कुछ गड़बड़ है।”प्रिया ने डरी हुई आवाज़ में कहा, “अमित, ये गुड़िया हमारे साथ कुछ कर रही है।”और फिर वही आवाज़,तुम दोनों नहीं बचोगे।”
प्रिया का दिल थम गया, “ये कुछ और है, अमित। कुछ बहुत ज़्यादा ख़ौफ़नाक।”2:30 AM के आसपास, कमरे का तापमान एकदम से गिर गया। खड़की से हवा आने लगी और अचानक **एक ठंडक सी महसूस हुई**। जैसे कोई उनके आस-पास हो।
फिर लाबूबू गुड़िया अपनी जगह से हिल गई थी। अमित ने देखा, गुड़िया अब धीरे-धीरे उनकी ओर बढ़ रही थी गुड़िया का चेहरा और भी डरावना हो गया था और उसकी मुस्कान में कुछ शैतानी थी अचानक, एक फुसफुसाहट सुनाई दी —
तुम दोनों का वक़्त आ गया है।”प्रिया ने अपनी आँखें बंद कर लीं, और अमित का दिल घबराने लगा।”प्रिया, ये सब क्या हो रहा है?”रात के 3 बजे लाबूबू गुड़िया की आँखों और भी भयानक हो गई और फिर गुड़िया का चहारा पूरी रहा बदल गया । प्रिया का दिल थम गया। अमित का चेहरा उतर गया, “ये कुछ और ही हो गया है।”गुड़िया ने अब अपना चेहरा और भी शैतानी शक्ल में बदल।लिया था प्रिया का दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा।अमित ने कहा, “प्रिया, तुम कुछ ज़्यादा ही सोच रही हो। तुम्हें कुछ नहीं होगा।”
लेकिन फिर अचानक, लाबूबू के चेहरे से वही पुरानी आवाज़ आने लगी अब तुम दोनों को ख़त्म कर दूँगा।”रात के 4 बजे अमित ने देखा कि प्रिया का चेहरा पूरी तरह बदल चुका था लाबूबू गुड़िया की आत्मा अब प्रिया के अंदर समा चुकी थी।प्रिया की आँखों का रंग काला हो गया और उसका चेहरा लाबूबू जैसा हो गया प्रिया की आवाज़ अब लबूबू जैसे होगई थी अमित को अब अपनी **जान बचाने के लिए कुछ करना था लेकिन प्रिया की आत्मा अब पूरी तरह से लाबूबू में बदल चुकी थी अमित ने प्रिया को दूर करने की कोशिश की पर वह अमित के पास चलती वी आ रही थी
अमित का मन डर से बेचैन हो गया प्रिया, तुम्हें कुछ हो गया है।”लेकिन अब प्रिया वही गुड़िया बन चुकी थी, और अमित को लगा कि वह अब लाबूबू का रूप ले चुकी है अमित की आँखों के सामने प्रिया का चेहरा पूरी तरह काला हो गया था प्रिया ने कहा,
अमित, मैं अब तुमसे कभी अलग नहीं हो सकती।”रात के *5 बजे अमित ने अपना फोन उठाया, लेकिन फोन की स्क्रीन पर लाबूबू गुड़िया का चेहरा छाप गयाअमित का चेहरा पीला पड़ गया। स्क्रीन पर एक संदेश था मैं तुम दोनों को अब कभी नहीं छोड़ने वाली।”
अमित का मन घबरा गया।
फिर प्रिया का चेहरा अब पूरी तरह से लाबूबू जैसा हो गया था।अमित ने अपनी आँखों से देखा, और एक काली आत्मा उसके आसपास घूम रही थी।अमित का दिल रुक गया, और फिर एक दमदार आवाज़ सुनाई दी —तुम दोनों का वक़्त अब ख़त्म हो गया है।”और फिर सब कुछ अंधेरे में खो गया
Conclusion
सुबह का समय हो चुका था। सूरज की हल्की किरणें खिड़की से अंदर आने लगीं, लेकिन हवेली के भीतर अब भी अजीब सी खामोशी थी।
अमित ज़मीन पर बेहोश पड़ा था। जब उसकी आँखें धीरे-धीरे खुलीं, तो उसने देखा कि पूरा कमरा अस्त-व्यस्त था। दीवारों पर अजीब खून जैसे निशान बने हुए थे और चारों तरफ एक भयानक ठंडक फैली हुई थी।
उसने प्रिया को ढूँढने की कोशिश की, पर वह कहीं दिखाई नहीं दी। अचानक उसकी नज़र शेल्फ़ की ओर गई—जहाँ पहले वो पुरानी लाबूबू गुड़ियारखी थी। अब वहाँ कोई गुड़िया नहीं थी।
लेकिन उसी जगह, एक तस्वीर रखी थी। तस्वीर में अमित और प्रिया दोनों खड़े थे, पर फर्क ये था कि प्रिया का चेहरा पूरी तरह लाबूबू जैसा बन चुका था… और अमित का चेहरा भी धीरे-धीरे धुंधला हो रहा था, मानो वो भी तस्वीर का हिस्सा बनता जा रहा हो।
अमित ने डर के मारे तस्वीर को गिरा दिया, लेकिन जैसे ही उसने आईने में अपनी परछाई देखी—
उसका चेहरा भी धीरे-धीरे बदल रहा था।
लाबूबू अब अकेली नहीं थी। उसने अमित और प्रिया, दोनों की आत्माओं को अपना हिस्सा बना लिया था।
और वो हवेली… हमेशा के लिए शापित हो गई।