लिफ्ट मांगती चूड़ैल
यह कहानी उस समय की है जब मैं अपने परिवार के साथ अपने दादी-नाना के घर छुट्टियाँ मनाने गया था। मुझे बचपन से ही ऐसी कहानियाँ सुनने का शौक था, जो कहीं न कहीं रूहानी घटनाओं पर आधारित हों। और वैसे भी, उस समय हम गाँव में रहते थे जहाँ ऐसी बातों का माहौल आम था। लोग अक्सर कहते रहते थे कि इस गाँव में रात में भूत-प्रेतों का आना-जाना रहता है।
हमारे घर से कुछ किलोमीटर दूर एक घना जंगल था, जिसके बीच से एक सड़क जाती थी। यह सड़क उन दिनों बहुत सुनसान रहती थी, क्योंकि यहाँ से सिर्फ लोग ही नहीं, बल्कि पशु-पक्षी भी कम ही आते थे। कहते थे, इस सड़क पर कोई आत्मा भटकती है। लेकिन मुझे कभी इसका अहसास नहीं हुआ। मैं और मेरे कुछ दोस्त हमेशा ही उस रास्ते से रात को लौटते थे, लेकिन कभी ऐसा कुछ महसूस नहीं हुआ था।
एक रात, जब मैं अपने दादी-नाना के घर वापस लौट रहा था, मुझे इस रास्ते से एक बहुत अजीब अनुभव हुआ। यह वो रात थी, जब मेरी ज़िन्दगी ने एक ऐसा मोड़ लिया, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता।
वह रात बिल्कुल सामान्य थी, और मैं दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलकर घर लौट रहा था। घर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर हमें एक औरत दिखाई दी। वह सड़क के किनारे खड़ी थी, सफेद साड़ी पहने हुए, और उसका चेहरा ढका हुआ था। पहले तो मैंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन फिर वह औरत हमारे पास आकर खड़ी हो गई और धीरे से बोली, “क्या आप मुझे लिफ्ट दे सकते हैं?”
मेरे दोस्तों ने इसे नजरअंदाज किया और साइकिल की स्पीड बढ़ा दी, लेकिन मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ। उसका चेहरा अस्पष्ट था, और उसकी आँखें कहीं खोई हुई सी लग रही थीं। फिर वह धीरे-धीरे हमारे पास आई और फिर से वही सवाल पूछा, “कृपया मुझे लिफ्ट दे दो, मुझे घर जाना है।”
मैंने दोस्तों से कहा, “अरे, यह शायद किसी गाँव से आई है, लिफ्ट दे देते हैं।” लेकिन किसी कारण से मेरे दोस्तों को डर लगने लगा। वे धीरे-धीरे साइकिल की गति तेज़ करने लगे।
मैंने सोचा, “क्या फर्क पड़ता है? कुछ नहीं होगा।” और मैंने उसकी तरफ बढ़ते हुए कहा, “क्या आप किस दिशा में जा रही हैं?”
वह जवाब नहीं देती, बस मुझे घूरने लगी। फिर उसने धीरे से कहा, “तुम्हारे पास साइकिल नहीं है, लेकिन मुझे लिफ्ट दे दो।”
अचानक, उस औरत ने अपनी आँखें खोल दीं, और उनमें जो रक्त-लाल रंग था, वह मेरे दिल को डरा देने के लिए काफी था। मैंने एक पल के लिए उसे देखा, और मुझे समझ में आ गया कि कुछ ठीक नहीं था। मेरी नज़रें उसपर टिकी हुई थीं, लेकिन वह औरत नजदीक आकर हमारे साथ साइकिल पर चढ़ने का इशारा करने लगी।
मैंने अब तक समझा नहीं था कि वह औरत कितनी अजीब थी। जैसे ही मैंने साइकिल रोकने का इरादा किया, मेरी आँखों के सामने उसे एक अजीब-सी मुस्कान दी। उसका चेहरा पूरी तरह से बदल चुका था, उसकी आँखें अब पूरी तरह से लाल हो चुकी थीं, और उसके मुंह से झाग निकल रहा था। यह देख मैं दंग रह गया।
अचानक उस औरत ने मेरे कंधे को पकड़ लिया और झटके से खींच लिया। मुझे एक जोर का झटका लगा, और मैं गिर पड़ा। मेरी साइकिल जमीन पर गिर गई, और मैं थोड़ी देर के लिए बेहोश हो गया।
जैसे ही मेरी आँखें खुलीं, वह औरत वहां नहीं थी। लेकिन मेरी साइकिल उधर-उधर बिखरी पड़ी थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है। मुझे डर लगने लगा, और मैंने जल्दी से साइकिल उठाई और घर की ओर दौड़ने लगा।
मेरे दिल की धड़कन इतनी तेज़ थी कि मैं सोच भी नहीं सकता था कि वह औरत क्या थी। क्या यह कोई भूत-प्रेत था? क्या यह कोई सचमुच की चूड़ैल थी? मेरी सोच में इस समय बहुत कुछ घुमड़ रहा था, लेकिन एक बात स्पष्ट थी—मैंने जो कुछ भी देखा, वह असाधारण था।
मैंने अपने दोस्तों से इस बारे में बात की, लेकिन उन्होंने इसे सिर्फ एक भ्रम मान लिया। वे कहते रहे, “शायद तुम्हारे मन में कोई डर था, या तुम्हारी आँखों में कोई चक्कर था।” लेकिन मुझे मालूम था कि जो कुछ भी हुआ, वह असल था।
वह औरत, उसकी आँखें, उसकी हंसी, सब कुछ अब भी मेरी आँखों के सामने था।
अगली रात, जब मैं फिर से घर लौट रहा था, मेरी हिम्मत जवाब दे चुकी थी। मुझे डर था कि वह औरत फिर से दिखाई देगी। मैं साइकिल से घर वापस जा रहा था, और मेरी सांसें घबराई हुई थीं। जैसे ही मैं उसी मोड़ पर पहुँचा, जहाँ उस औरत को देखा था, मेरा दिल अचानक रुक सा गया।
वहीं खड़ी थी, वही सफेद साड़ी में लिपटी हुई औरत। उसकी आँखें पूरी तरह से लाल हो चुकी थीं, और वह फिर से वही सवाल पूछ रही थी, “क्या आप मुझे लिफ्ट दे सकते हैं?”
मैंने घबराकर साइकिल की गति तेज़ कर दी, लेकिन इस बार मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जैसे वह औरत मेरे पीछे दौड़ रही हो। उसके पैरों की आवाज़ तेज़ हो रही थी, और मुझे यकीन था कि वह मेरे पास आकर मुझसे कुछ पूछने वाली थी। डर के कारण मेरी साइकिल के पहिये टूटने लगे, और मैं गिरते-गिरते बचा।
तभी एक तेज़ रोशनी मेरी आँखों में आई, और अचानक वह औरत गायब हो गई। मैं समझ नहीं पा रहा था कि यह क्या था। क्या वह किसी तरह की आत्मा थी? क्या वह एक सचमुच की चूड़ैल थी? क्या इसने मुझे जादू से पकड़ा था?
मैंने अपनी दादी से इस घटना के बारे में पूछा। वह बहुत घबराई हुई थीं और कहने लगीं, “तुमने एक चूड़ैल को देखा है। यह वही औरत है, जो इस इलाके में लंबे समय से भटक रही है। यह उन लोगों से लिफ्ट मांगती है, जो अकेले होते हैं। यदि कोई इसे लिफ्ट दे देता है, तो वह उसकी आत्मा को अपने कब्जे में कर लेती है।”
मेरी दादी ने बताया कि यह औरत एक दिन सड़कों पर मरी थी, और उसके बाद उसकी आत्मा बेजान शरीर में फंसकर लोगों को तंग करने लगी। और यह अजीब और खौ़फनाक सच था।
(निष्कर्ष Conclusion )
उस दिन के बाद, मैं कभी भी उस रास्ते से अकेले नहीं गया। मैंने सीखा कि कुछ घटनाएँ वास्तविक होती हैं, और जिनका सामना करना एक डरावना अनुभव हो सकता है। और वह चूड़ैल, या आत्मा, अब भी उस इलाके में भटकती है, लिफ्ट मांगती हुई।
कभी कभी, जब मैं अकेला होता हूँ और अंधेरे में किसी के पास जाता हूँ, मुझे लगता है कि कहीं उस सफेद साड़ी वाली औरत की निगाहें फिर से मेरी तलाश में तो नहीं हैं।